नहीं रहे फ़िल्मकार, गीतकार और अभिनेता ओ पी हरियाणवी

कई हरियाणवी फिल्मों के निर्माता, अभिनेता और जाने माने गीतकार ओ पी हरियाणवी का आज कोरोना के चलते दिल्ली में निधन हो गया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी ओ पी जैन हरियाणवी ने हिन्दी और हरियाणवी फिल्मों के साथ कई हिट गैर फिल्मी एलबम के लिए भी गीत लिखे। जैन भजन, बाबोसा भजन और भगवान कृष्ण और शिव पर लिखे भजनों के साथ उनके राजनैतिक प्रेम और सामाजिक संदेश के गीत तो काफी पसंद किए गए। लगभग 400 गीतों-भजनों के रचयिता ओ पी हरियाणवी के लिखे गीतों को जहां रवीद्र जैन और कल्याणजी आनंदजी जैसे संगीतकारों ने अपनी धुनों से सजाया वहाँ वहाँ शाहरुख खान की दो टेली फिल्म अधूरी ज़िंदगी और दस्तक के गीत भी  हरियाणवी ने लिखे। दस्तक में तो उन्होंने शाहरुख खान के बॉस की भूमिका भी निभाई थी। हरियाणवी फिल्मों का तो वह एक बड़ा नाम थे।

पानीपत हरियाणा के राजा खेड़ी में 6 दिसंबर 1949 को जन्मे ओ पी शुरू से गीत संगीत और धार्मिक तथा सामाजिक कार्यों में रुचि लेते थे। आगे चलकर सन 1984 में ओपी हरियाणवी ने अपने छोटे भाई मदन जैन के साथ मिलकर महारा पीहड़ सासरा जैसी हिट फिल्म बनाई। इसके बाद हरियाणवी ने गुलाबो और फिर ज़र जोरू और ज़मीन जैसी सुपर हिट फिल्मों का निर्माण किया। इन दोनों फिल्मों में भी ओपी ने अभिनय किया और गीत भी लिखे। इनके मशहूर गीतों में रवीद्र जैन का गाया –सदा रहीं सै सदा रहेंगी झगड़े की जड़ तीन ज़र जोरू और ज़मीन’,महेंद्र कपूर का गाया रिश्ता न कोई करियो अपने से बड़े घर में और सुरेश वाडेकर, हेमलता का गाया मेरे पाछे पाछे आवण का भला कौनसा मतबल तेरा सै तथा शाम भटेजा तथा भाल सिंह का गाया नशा तो है मौत की निशानी और मेरे दिल पर लिख दिया नाम गुलाबो छोरी ने’, यूं  इनके गीतों को कविता कृष्णमूर्ति और सविता साथी ने भी गाया। उनका लिखे  दो गीत जल्द प्रदर्शित होने वाली फिल्म दादा लखमी में भी हैं। ओपी हरियाणवी के निधन पर लेखकों, कलाकारों, पत्रकारों की संस्था आधारशिला के साथ प्रसिद्द फिल्म अभिनेता यशपाल शर्मा, फ़िल्मकार अरविंद स्वामी और रामपाल बलहारा ने भी अपनी श्रद्धांजलि दी है।