माँ अक्सर अपने बेटे की कमियों को नज़रअंदाज़ कर देती है- स्नेहलता

 


- कृतार्थ सरदाना 

सोनी चैनल का सीरियल पुण्यश्लोक अहिल्याबाई अपने कथानक,अलग अंदाज़ और भव्यता के कारण अनेक दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है। इतिहास के पन्नों में लिखी अहिल्याबाई होल्कर की गाथा इस सीरियल के माध्यम से जीवंत हो उठी है। अठारहवीं सदी में मल्हार राव ने अपने पुत्र खंडेराव की जगह अपनी बहू अहिल्या को अधिक महत्व देकर एक नया इतिहास लिख दिया था। सीरियल में दिखाया है कि दूसरी तरफ मल्हारराव की पत्नी गौतमाबाई अपने पुत्र प्रेम में अंधी होकर अपने बेटे खंडेराव की कमियों को छिपाती रहती है। गौत्माबाई की भूमिका अभिनेत्री स्नेहलता वसईकर निभा रही हैं। स्नेहलता कहती हैं-‘’मैं खुद भी एक माँ हूँ इसलिए गौत्माबाई की उलझन,उसके दर्द और पुत्र प्रेम को अच्छे से समझ सकती हूँ। मैं अपने निजी जीवन में खुद ऐसे मुश्किल हालात से गुजर चुकी हूँ। माँ अक्सर अपने बेटे की कमियों को नज़रअंदाज़ कर देती है। हम अपने बच्चों के प्यार में इतना डूब जाते हैं कि सही और गलत का अंतर समझ नहीं पाते। इसलिए गौतमाबाई और मुझ में कुछ समानता भी हैं। हालांकि मैं भी जानती हूँ और गौतमाबाई भी कि अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए पुत्र प्रेम से उठकर कुछ कठोर फैसले भी लेने पड़ेंगे।‘’