बंगाल में 3 कानून हैं- अमित शाह


भाजपा बंगाल के चुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही है, क्योंकि इसके साथ देश की सुरक्षा भी जुड़ी है


केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे के दूसरे और अंतिम दिन 6 नवंबर को कोलकाता के वेस्टिन होटल में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर तृणमूल कांग्रेस सरकार की अराजकतावादी नीतियों पर हमला करते हुए लोगों से ममता सरकार को उखाड़ फेंकने और भाजपा की सरकार बनाने का आह्वान किया. इससे पूर्व अमित शाह ने दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पूजा-अर्चना की.पूजा अर्चना के बाद अमित शाह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने मां काली से पूरे राज्य तथा देशवासियों के लिए मंगल कामना की है। 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है, यह ऐसे ही आगे बढ़ता रहे और मोदी जी के नेतृत्व में भारत फिर से एक बार दुनिया में अपना गौरवमयी स्थान प्राप्त करे, इसके लिए मैंने आज माँ काली के चरणों में प्रार्थना की'। उन्होंने कहा कि 'यह भूमि चैतन्य महाप्रभु, ठाकुर रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, श्री अरविंदो,भक्ति मार्ग को सशक्त करने वाले और आध्यात्मिक चेतना को जगाने वालों की भूमि रही है। लेकिन दुर्भाग्य से तुष्टिकरण की राजनीति ने यहां की समृद्ध परंपरा को गहरा आघात पहुंचाया है। मैं प्रदेश की जनता से आग्रह करता हूं कि कभी आध्यात्मिक और धार्मिक जागृति का केंद्र रहे पश्चिम बंगाल के गौरव को पुनर्स्थापित करने के लिए वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी तन्मयता के साथ करें'। 



अमित शाह इसके बाद,पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित अजॉय चक्रवर्ती के निवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. इसके बाद, गौरांगनगर में बांग्लादेश से आये शरणार्थी मतुआ समुदाय के मंदिर में  पूजा अर्चना की और मतुआ समुदाय के ही एक परिवार के घर में दोपहर का भोजन भी किया. अपने व्यस्त कार्यक्रमों के दौरान, अमित शाह ने 'कार्यकर्ता संवाद' के तहत स्थानीय कार्यकर्ताओं और 'सामाजिक समूह संवाद' कार्यक्रम के तहत विभिन्न स्थानीय समूह के प्रतिनिधित्वों के साथ संवाद भी स्थापित किये. साथ ही,अमित शाह ने प्रदेश भाजपा के सांसदों और प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप के साथ बैठकें भी कीं। 



अमित शाह ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 'अपनी दो दिवसीय पश्चिम बंगाल प्रवास के दौरान भारतीय जनता पार्टी के चार विभागों के कार्यकर्ताओं और विभिन्न सामाजिक समुदायों के कार्यकर्ताओं से मैं अलग अलग मिला। इसके अतिरिक्त, विभिन्न सामाजिक समूह के 180 से ज्यादा प्रतिनिधित्वों से दो-तरफा संवाद भी हुआ. इन संवादों से पश्चिम बंगाल की जो स्थिति उभरी, उसे आपलोगों के समक्ष रखना चाहता हूं'। 


अमित शाह ने कहा कि मई 2011 को ‘माँ-माटी-मानुष’ नारे के साथ पश्चिम बंगाल के अन्दर परिवर्तन हुआ था। प्रदेश की जनता के मन में भी कई अपेक्षाएं और आशाएं थीं और वे चाहते थे कि उनकी संवेदनाओं को समुचित प्रतिक्रिया मिले।  तीन दशक के कम्युनिस्ट शासन से त्रस्त होकर तृणमूल कांग्रेस के हाथों में बंगाल की कमान दी गई थी। मगर 10 साल बाद, आज मां, माटी और मानुष का नारा तुष्टिकरण, तानाशाही और तोलाबाजी में परिवर्तित हो गया है। तृणमूल सरकार और राज्य की मुख्यमंत्री जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पाईं।


श्री शाह ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर ममता सरकार से तीखा सवाल करते हुए पूछा कि 'ममता जी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को 2018 के बाद से पश्चिम बंगाल के अपराध रिकॉर्ड क्यों नहीं भेजे? आप क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं और क्यों? लोग राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं। मैं ममता जी से 7 सवाल पूछना चाहता हूं कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बाद भी आपने बंगाल में महिला सुरक्षा के लिए क्या किया?



  1. आपने 2018 के बाद से NCB को बंगाल के क्राइम रिकार्ड्स देने बंद क्यों कर दिए

  2. महिलाओं के खिलाफ अपराध में पश्चिम बंगाल देश में तीसरे स्थान पर क्यों है।

  3. बलात्कार के प्रयास करने के मामलों में पश्चिम बंगाल देश में सबसे ऊपर क्यों है ?

  4. पश्चिम बंगाल एसिड अटैक और एसिड अटैक के प्रयासों में देश में प्रथम स्थान पर कैसे?

  5. महिलाओं के गायब होने के मामले में भी पश्चिम बंगाल देश में दूसरे स्थान पर क्यों है?

  6. गायब महिलाओं को न ढूंढ पाने में पश्चिम बंगाल टॉप पर क्यों है ?

  7. महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए बंगाल में सजा दर केवल 5.3 फीसदी थी जबकि राष्ट्रीय सजा दर 22.9 फीसदी है, ऐसा क्यों ?


ममता सरकार द्वारा प्रदेश की जनता से जो वादे किये वो खोखले साबित हुए, अपेक्षा निराशा में और आशा आक्रोश में तब्दील हो गयी है. बंगाल की जनता में एक अजीब प्रकार का वातावरण दिख रहा है। मैं जहां भी गया तो सैकड़ों लोग सकड़ों पर आए थे। जब वो भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय श्रीराम के नारे लगाते थे, वो हमारे स्वागत में कम, ममता सरकार के प्रति गुस्से को ज्यादा प्रदर्शित करते मिले।'



भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी कहा कि 'पश्चिम बंगाल की जनता में जहाँ एक ओर ममता सरकार की असफलताएं और संवेदनहीनता के प्रति आक्रोश देखने को मिला वहीँ दूसरी ओर यह विश्वास देखने को मिला कि मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ही उनकी आशाओं को पूरी कर सकती है। इसका कारण है भाजपा का अपना ट्रैक रिकॉर्ड। भारतीय जनता पार्टी ने देश के अन्दर सुशासन का एक नया मार्ग बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में सेट किया है, केंद्र में भी, श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद, 5 साल के अन्दर करीब 7 करोड़ गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है।' उन्होंने कहा कि चाहे जन-धन योजना के जरिए लोगों के खाते खुलवाकर उन्हें अर्थतंत्र से जोड़ना हो, घर देना हो, बिजली देनी हो, शौचालय देना हो, किसानों को हर साल 6,000 रूपये देना हो या फिर गरीबों को 5 लाख रूपये की स्वास्थ्य सुविधा देनी हो- केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा इन योजनाओं के माध्यम से एक नई आशा का संचार कर गरीबों के जीवन को ऊँचा उठाने का प्रयास किया गया है.


श्री शाह ने कहा कि 'मैं बंगाल की जनता को आश्वस्त करने आया हूं कि आपने कांग्रेस को मौका दिया, कम्युनिस्टों को भी बार-बार मौके दिए और दो  मौके ममता जी को दिए। एक मौका मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा को दे दीजिए, हम 5 वर्ष के भीतर सोनार बांग्ला बनाने का वादा करते हैं। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है कि बंगाल का विकास हो, देश की सीमाएं सुरक्षित हों, बंगाल के अंदर घुसपैठ रुके। तृणमूल कांग्रेस और ममता दीदी का एकमात्र लक्ष्य है कि अगले टर्म में भतीजे को मुख्यमंत्री बना देना है। अब बंगाल की जनता को तय करना है कि परिवारवाद चाहिए या विकासवाद।'


अमित शाह ने ममता सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि ममता के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में प्रशासन का सम्पूर्ण राजनीतिकरण और राजनीति का सम्पूर्ण अपराधिकरण कर तथा भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर कुशासन के एक नए अध्याय का सूत्रपात हुआ है। भ्रष्टाचार का उत्कृष्ट उदाहरण है कि साइक्लोन और कोरोना महामारी में भी भ्रष्टाचार करने से तृणमूल कांग्रेस सरकार पीछे नहीं हटी है। पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान के राहत और बचाव कार्य के लिए जो धनराशि केंद्र से भेजी गई और केंद्र की ओर से कोरोना महामारी के दौरान जो अनाज भेजा गया वो भी घोटालों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।


अमित शाह ने ममता सरकार की तुष्टिकरण नीति पर हमला करते हुए कहा कि ममता की तुष्टिकरण नीति से बंगाल की जनता के बहुत बड़े वर्ग के मन में कई सवाल खड़े हुए हैं। एक प्रकार से बंगाल में 3 कानून हैं- एक अपने भतीजे के लिए, एक अपने वोट बैंक के लिए और एक आम लोगों के लिए. शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां ऐसे तीन कानून चलते होंगे। 'ममता जी अब गड्ढे भरने का वादा कर रही हैं लेकिन राज्य की जनता के मन में जो गड्ढा इनके कुशासन से बना है, वो अब महज 6 माह में भरने वाला नहीं है, अतः ममता जी का यह प्रयास निरर्थक है'। राजनीतिक हत्‍याओं के मामले में बंगाल सबसे खराब स्थिति में है। पिछले ढाई वर्षों में 100 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्‍या हुई है, ममता जी इस मामले में श्‍वेत पत्र क्‍यों नहीं लातीं? राज्‍य में घुसपैठ भी बदस्तूर जारी है। इसे रोकने के लिए संशोधित नागरिकता कानून को लागू किया जाएगा, यह हमारी प्रतिबद्धता है। 



अमित शाह ने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आयुष्‍मान भारत, किसान सम्‍मान निधि जैसी अहम योजनाओं का सबसे खराब क्रियान्‍वयन बंगाल में हुआ। आादिवासी बहुल क्षेत्रों में आदिवासियों और गरीबों तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पैसे नहीं पहुंचे। हर किसान के खाते में सीधा 6000 रुपया मोदी सरकार भेजती है। लेकिन बंगाल सरकार किसानों की सूची और बैंक अकाउंट नहीं देती है। अब तक 95 हजार करोड़ रुपया देशभर के किसानों को जा चुका है। मगर बंगाल के किसानों को कुछ नहीं मिला है। मैं बंगाल के किसानों को आश्वत करना चाहता हूं कि मई के बाद ये पैसा सीधा बैंक खाते में आएगा क्योंकि मई के बाद यहां बीजेपी की सरकार बननी है आयुष्मान भारत योजना के तहत हर गरीब परिवार को मिलने वाला पांच लाख का स्वास्थ्य सुविधा भी यहाँ के लोगों को नहीं मिल रही है।


अमित शाह ने कहा कि 'राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी के नेतृत्व में भाजपा बंगाल के चुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही है क्योंकि इसके साथ देश की सुरक्षा भी जुड़ी है और अति पिछड़े गरीब लोगों के भले का भी सवाल है। दोनों मुद्दों को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे। मैं निश्चित रूप से कहता हूं कि आने चुनाव में बंगाल में हम 200 से ज्यादा सीटों के साथ भाजपा की सरकार बनाने जा रहे हैं।'