संतूर की दीवानी हुई ईशा


- कृतार्थ सरदाना 


ज़ी टीवी के प्रसिद्द सीरियल ‘इश्क़ सुभान अल्लाह’ में जारा की भूमिका निभा रही ईशा सिंह इन दिनों संतूर की दीवानी सी हो गयी है। ईशा का यह संतूर प्रेम तब जागा जब उसे अपने जारा के किरदार के लिए संतूर सीखना पड़ा। सफलता की गाथा लिख चुके निर्माता धीरज कुमार के ‘इश्क़ सुभान अल्लाह’ में  ईशा एक बार फिर जारा की भूमिका में लौटी है। ईशा की इस बार वापसी कुछ नए अंदाज़ के साथ हुई है। जिसमें वह एक म्यूजिक हीलर है यानि संगीत के माध्यम से उपचार करती है। लेकिन इसके लिए ईशा ने जब थोड़ा बहुत संतूर सीखना चाहा तो वह संतूर की मधुर धुनों की दीवानी हो गयी। संतूर देश का एक ऐसा वाद्य यंत्र है जिसे बहुत ज्यादा लोग नहीं बजाते। संतूर के महारथी पंडित शिव कुमार शर्मा ने बरसों पहले पहली बार इस पर शास्त्रीय संगीत की रचना की थी। उसके बाद यह वाद्य यंत्र धीरे धीरे लोकप्रिय होत चला गया।  पंडित शिव कुमार ने संतूर को फिल्म झनक झनक पायल बाजे, सिलसिला, चाँदनी, लम्हे और डर जैसी उन फिल्मों में भी अपनाया जिनका संगीत उन्होंने दिया था। लेकिन अब ‘इश्क़ सुभान अल्लाह’ में भी इसका जादू देखा जा सकेगा। ईशा कहती हैं-‘’मैंने अपने रोल के लिए संतूर की बेसिक बातों को ही समझना था। लेकिन जब मैंने इसे सुना और थोड़ा सा सीखा तो इसमें मेरी  दिलचस्पी बढ़ती चली जा रही है। अब मैंने सोचा है कि मैं संतूर को पूरी तरह सीखूंऔर एक दिन बहुत अच्छी संतूर वाद्क़ बनूँ।“