- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार
देश की प्रथम महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एस पद्मावती का कल रात करीब 9 बजे कोरोना संक्रमित होने से निधन हो गया। देश के चिकित्सा क्षेत्र मे अपना अनुपम योगदान देने वाली डॉ पद्मावती 103 वर्ष की थीं। सुश्री एस पद्मावती का जन्म 20 जून 1917 को रंगून में हुआ था। वह ऑल इंडिया हार्ट फाउंडेशन के साथ नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट की भी अध्यक्ष थीं। देश में चिकित्सा क्षेत्र में डॉ पद्मावती ने जो योगदान दिया है उसके लिए भारत सरकार उन्हें सन 1967 में पदमभूषण और फिर सन 1992 में पदमविभूषण सम्मानित कर चुकी है। साथ ही सन 1975 में चिकित्सा क्षेत्र के शिखर पुरस्कार डॉ बी सी राय से भी उन्हें नवाजा गया था।
डॉ पद्मावती 103 वर्ष की आयु में भी जिस तरह सक्रिय थीं उसे देख अच्छों अच्छों को हैरत होती थी। दिल्ली के लेडी हार्डिंग, मौलाना आज़ाद और जी बी पंत जैसे बड़े अस्पतालों में उच्च पदों पर रहकर डॉ पद्मावती ने कई अत्यंत विशिष्ट कार्य किए। पिछले करीब 4 दशकों से वह नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट की अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएँ दे रही थीं। देश में विश्व हृदय दिवस का आयोजन करके, वह हृदय रोग को लेकर सभी को जागरूक करने का कार्य तो कर ही रही थीं। साथ ही रोगियों के कई कल्याणकारी कार्यों से भी वह तन, मन धन से जुटी थीं।