दिल्ली में कोरोना योद्धाओं को मिले सामान मुआवजा और सुरक्षा - सामाजिक समरसता मंच


राष्ट्रीय सेवा संघ से जुड़ा संगठन सामाजिक समरसता मंच समाज के शोषित वर्गों एवं गरीबों, विशेषकर अनुसूचित जातियों एवं सफाई कर्मचारियों के कल्याण और हित में कार्य करने के लिए एक समर्पित संगठन है।


इस कोरोना महामारी के आरम्भ से ही सामाजिक समरसता मंच सफाई कर्मचारियों के हितों और कल्याण के लिए कार्य कर रहा है और वह दिल्ली सरकार एवं अन्य वैधानिक संस्थाओं पर जोर डालता आ रहा है कि सफाई कर्मचारियों को उनका कार्य करने के दौरान पर्याप्त सुरक्षात्मक उपकरण जैसे दस्ताने, मास्क और पीपीई किट उपलब्ध कराई जाए क्योंकि अपना कार्य करते समय सफाई कर्मचारी कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा संपर्क में आते हैं और वह इस स्थिति में नहीं होते हैं कि वह यह समझ सकतें कि उन्हें कैसे संक्रमित और असंक्रमित कूड़े का निस्तारण करना है।


यह मंच द्वारा किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि सफाई कर्मचारियों को दिल्ली में वैधानिक संस्थाओं एवं धर्मार्थ संगठनों द्वारा सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध कराए गए।


सामाजिक समरसता मंच ने देखा कि समय के साथ सफाई कर्मचारी संक्रमित होने शुरू हो गए हैं और उनमें से कईयों को तो कोरोना से जुड़े  उत्तरदायित्व पूर्ण करते हुए जीवन से हाथ धोना पड़ा। मंच ने यह अनुभव किया कि दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को तो एक करोड़ रुपय मिल रहा है, मगर जो सफाई कर्मचारी एमसीडी में कार्यरत हैं उन्हें न ही दिल्ली सरकार और न ही एमसीडी द्वारा ही ऐसा कोई मुआवजा मिल रहा है। 


सामाजिक समरसता मंच का यह मानना है कि यह राज्य का कर्तव्य है कि वह एक समान कार्य करने वाले सभी व्यक्तियों के साथ एक समान व्यवहार करे। किसी भी समाज में यह कैसे संभव है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के साथ कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों को तो एक करोड़ रुपए का मुआवजा मिले और एमसीडी में वही कार्य करने वाले सफाई कर्मी को कुछ नहीं मिले या फिर दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त उनके साथियों की तुलना में अत्यंत कम मुआवजा मिले।


मंच ने यह भी संज्ञान में लिया कि एसडीएमसी ने सुमित सुपुत्र विनोद को नौकरी दी थी क्योंकि विनोद एक सफाई कर्मचारी थे जिनका निधन दुर्भाग्य से कोरोना की चपेट में आने से हो गया था। हालांकि इस महामारी के दौरान एमसीडी के दिवंगत कर्मचारियों को सहानुभूति या कृपा के आधार पर नियुक्त नहीं किया गया है, फिर भी ऐसे उपाय सफाई कर्मचारियों के दिमाग में यह विश्वास जगाने के लिए आवश्यक है कि सरकार दिवंगत सफाई कर्मचारी के परिवार को हुए नुकसान/हानि के असर को कम करने के लिए उन्हें हर प्रकार के आवश्यक सहयोग देने के लिए दृढ संकल्प है।


सामाजिक समरसता मंच की ओर से उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता राजेश कुमार गोगना व इसके संयोजक ओम प्रकाश गिरी एवम संयोजक देवराज सिंह द्वारा भेजे गए एक कानूनी नोटिस के माध्यम से दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल जो दिल्ली के समस्त निवासियों के सर्वोच्च अभिभावक हैं, से प्रार्थना की


 (1) तत्काल ही प्रत्येक सफाई कर्मचारी को एक करोड़ रूपए मुआवजे के रूप में दिए जाएँ, जो अपना दायित्व निभाते हुए या तो मर चुका है/चुकी है या मरता/मरती है।


 (2) दिल्ली के सभी नगर निगमों के साथ कार्य कर रहे सभी दिवंगत कर्मचारियों के कानूनी उत्तराधिकारी को उस सफाई कर्मचारी की मृत्यु के 10 दिनों के भीतर उचित रोजगार प्रदान करें


 (3) शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक रोजगार में दिवंगत हुए सफाई कर्मचारियों के बंधु बांधव (पुत्र एवं रिश्तेदार) के लिए विशेष कोटा प्रदान किया जाए


(4) यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी सफाई कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की नियमित स्तर पर कोरोना की जाँच की जाए।