किसी को भी स्वयंसेवक कहा जा सकता है- मोहन भागवत


किसी को भी स्वयंसेवक कहा जा सकता है- मोहन भागवत




राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 18 जनवरी को कहा कि उनके संगठन का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और वह देश के नैतिक, सांस्कृतिक और मानव मूल्यों के उत्थान के लिए काम करता है। आरएसएस प्रमुख उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्वयंसेवकों के चार दिवसीय कार्यक्रम के समापन पर एक विशाल सभा को संबोधित कर रहे थे। डॉ भागवत ने कहा कि जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग इस संगठन का हिस्सा हैं जबकि कुछ लोग राजनीतिक पार्टियां भी चलाते हैं। सत्ता की भूमिका की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई अपनी विचारधारा फैलाना चाहता है तो सत्ता हासिल करना अनिवार्य है।


डॉ भागवत ने इस बात से भी इनकार किया कि आरएसएस भाजपा को रिमोट कंट्रोल से चला रही है और कहा कि यह संगठन सभी 130 करोड़ भारतीयों के लिए काम कर रहा है। आरएसएस के बारे में विस्तार से बताते हुए सरसंघचालक ने कहा कि किसी को भी स्वयंसेवक कहा जा सकता है, बशर्ते उसकी विचारधारा राष्ट्रीय एकता की होनी चाहिए, भले वह आरएसएस की शाखा में नहीं आता हो। सरसंघचालक ने कहा, ‘स्वामी विवेकानंद ने सदैव बुद्धिमता और आध्यात्मिकता के साथ सत्ता की वकालत की। इसलिए सदैव सशक्त, समृद्ध और स्वस्थ बनने की कोशिश कीजिए।’ उन्होंने दावा किया कि रूस, चीन, अमेरिका शक्तिशाली देश हैं जो समस्याएं खड़ी कर रहे हैं लेकिन अमेरिका अपनी गरिमा गंवा रहा है। डॉ भागवत ने कहा कि ‘सभी भारतीय हिंदू हैं’ क्योंकि उन सभी के पूर्वज हिंदू थे। उन्होंने कहा कि कई देशों ने ‘विविधता से एकता’ के नारे दिये हैं लेकिन भारत में यह ‘एकता से विविधता है।’