दूरदर्शन के शिव का जाना

                                 


             दूरदर्शन के शिव का जाना


दूरदर्शन इन दिनों जहां अपनी स्थापना की 60 वीं जयंती का उत्सव मना रहा है, वहाँ दूरदर्शन को नयी दिशा और दशा देकर बुलंदियों पर पहुंचाने वाले शिव शर्मा के निधन के समाचार से एक झटका सा लगा है। दूरदर्शन का स्लोगन है ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, इसी स्लोगन की ध्वनि बरसों से सभी का आकर्षण रही है। शिव शर्मा ने दूरदर्शन में कार्यक्रम नियंत्रक से लेकर दूरदर्शन महानिदेशक तक विभिन्न पदों पर रहकर जैसे बड़े बड़े काम किए। यह सब देख सभी उन्हें दूरदर्शन के ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ क ‘शिव’ कहते थे। यह शिव शर्मा की कर्मठता, दूरदर्शिता और योग्यता ही थी कि उनके कार्यकाल को दूरदर्शन के स्वर्ण काल के रूप में देखा जाता है। दूरदर्शन प्रसारण को रंगीन बनाने की बात हो या सन 1982 में देश में आयोजित एशियाई खेलों के सीधे प्रसारण की या फिर ‘महाभारत’ जैसे सीरियल के प्रसारण से दूरदर्शन के नए युग में प्रवेश की। सभी में शिव शर्मा की अहम भूमिका और बहुत योगदान रहा है। विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में ‘सरकारी ढर्रे’ में भी वह बेहतर से बेहतर काम कराने के लिए हमेशा याद किए जाएँगे। शिव शर्मा के रिटायर होने के बाद धीरे धीरे दूरदर्शन अपनी लोकप्रियता खो बैठा। हालांकि रिटायरमेंट के बरसों बाद भी उनके हृदय में दूरदर्शन बसता था और वह स्वयं दूरदर्शन के लोगों के मन में।