दिशा का इंतजार कब तक करेंगे असित मोदी


             दिशा का इंतजार कब तक करेंगे असित मोदी


सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' इस बार की टीआरपी में नंबर वन सीरियल बन गया। इससे कुंडली भाग्य, ये रिश्ता क्या कहलाता है, कुमकुम भाग्य जैसे शिखर के सीरियल के साथ केबीसी और कपिल शर्मा शो भी 'तारक मेहता' से इस हफ्ते पिछड़ गए। 'तारक मेहता' यूं टॉप 5 से टॉप 10 टीवी शो में अपनी जगह बराबर बनाता रहा है। लेकिन इस बार इसके नंबर वन बनने का कारण यह रहा कि पिछले कुछ एपिसोड से दया की वापसी को ज़ोर शोर से हाइलाइट किया जा रहा था। लेकिन अंत में दया की वापसी भी ठीक वैसे ही साबित हुई जैसे पोपटलाल की शादी और दया की माँ को दिखाने के प्रसंग रहते हैं। दया की वापसी प्रसंग शिखर पर पहुँचकर अंत में 'खोदा पहाड़ निकला चूहा' बनकर रह गयी। उससे 'तारक मेहता' के दर्शक ही नहीं मैं स्वयं भी काफी आहत हूँ। इससे एक हफ्ते नंबर वन तो बना जा सकता है लेकिन ये उन दर्शकों की भावनाओं से खिलवाड़ जैसा है, जो 'तारक मेहता' को बरसों से इतना प्यार देते आए हैं। यदि दया के रूप में दिशा वकानी सीरियल में अपनी वापसी नहीं करना चाहती या उसकी मांगें पूरी करने में सीरियल निर्माता असित मोदी असमर्थ हैं तो वह दया का इतना लंबा इंतज़ार क्यों कर रहे हैं? दया-दिशा के दो साल से सीरियल में न होने से भी यह सीरियल लगातार अच्छी टीआरपी ले रहा है। जो यह बताता है कि सीरियल से,टीम से और दर्शकों से बड़ा कोई नहीं। 'तारक मेहता' सब टीवी का ही ब्रांड सीरियल नहीं यह सभी टीवी चैनल के कॉमेडी सीरियल का भी ब्रांड है। लेकिन दर्शक दया, दया की माँ या पोपट लाल की शादी के प्रसंगों में अंत में सब ढकोसला पाते हैं तो इससे दर्शक खुद को ठगा सा पाते हैं। जो दर्शक किसी को शिखर पर पहुंचाते हैं तो इतिहास गवाह है कि दर्शकों की भावनाओं से बार बार खेलने पर, वे दर्शक किसी को अर्श से फर्श पर पहुंचाने में भी देर नहीं करते। यदि दिशा नहीं आती तो अमि त्रिवेदी जैसी और भी कई शानदार अभिनेत्रियाँ टीवी इंडस्ट्री में मौजूद हैं। लेकिन असित मोदी सिर्फ दिशा के इंतज़ार में अपने सीरियल की साख को गिराने में क्यों जुटे हैं?