संगीत नाटक अकादमी और स्वर संसार का अनुपम संगीत आयोजन

कृतार्थ सरदाना

स्वामी विवेकानंद के ओजस्वी विचार और वाणी तो बरसों से सभी को मंत्र मुग्ध करती रही है। अब उनकी जयंती पर 12 जनवरी को नयी दिल्ली में एक संगीतमय कार्यक्रम आयोजित हुआ तो तब भी समां बंध गया।

संगीत नाटक अकादमीऔर 'स्वर संसार' संस्था द्वारा प्रस्तुत इस संगीतमय कार्यक्रम में विश्वविख्यात शास्त्रीय संगीतकार पंडित विश्व प्रकाश द्वारा संगीतबद्ध रचनाओं को जब यतीश आचार्य, कृतिका श्रीवास्तव, आस्था उदिनिया और ईशिका मल्होत्रा ने अपने स्वर दिये तो मंडी हाउस स्थित मेघदूत सभागार झूम उठा। प्रस्तुत मनोहर गीतों  की रचना वरिष्ठ कवि-गीतकार डॉ राजीव श्रीवास्तव ने की थी। मधुर गीत संगीत के इस कार्यक्रम का प्रसारण जल्द ही दूरदर्शन पर भी किया जाएगा।

कार्यक्रम का श्री गणेश संगीत नाटक अकादमी की उपसचिव डॉ रीता स्वामी चौधरी, पंडित विश्व प्रकाश, डॉ राजीव श्रीवास्तव,जर्मन की ह्यूबर ग्रुप कम्पनी के महाप्रबन्धक राजीव रंजन तथा प्रख्यात लेखिका रिंकल शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

कार्यक्रम का आरंभ वरिष्ठ ग़ज़ल गायक यतीश आचार्य एवं सुप्रसिद्ध युवा गायिका कृतिका श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना सरस्वती माँ जय सरस्वती, स्वस्तिक मंगल मूर्ति' से हुआ।

महान ग़ज़ल गायक मेहंदी हसन की परम्परा एवं गायन शैली के अद्भुत प्रणेता यतीश आचार्य के स्वर में 'है मुहब्बत जो मुझसे जताया करोऔर 'सुन पयाम-ए-मुहब्बत का इश्किया बयानकी प्रस्तुति उपस्थित दर्शकों के दिलों को छू गयी। 

 उधर जब गायिका कृतिका श्रीवास्तव मंच पर आयीं तो उनके सुरों का जादू भी खूब चला। कृतिका ने -'रच दे पिया मोरे मन पे प्रेम का पहला श्लोक','मैंने तुमसे प्यार किया है’,‘कैसा तेरा अभिमान पिया’ और ‘प्रेम पिया संजीवनीजैसे गीतों को तो अकेले ही गाया।

जबकि यतीश आचार्य के संग उनके गाए युगल गीतों नींद नहीं आती है चैन चला जाता है’,‘नैनन के रस्ते पिया मन में समाए’,‘चित्त के चिरइया से जियरा चुरायाको भी अच्छा खासा सराहा गया।

डॉ राजीव श्रीवास्तव रचित गीतों के गायन के क्रम में दिल्ली की वरिष्ठ गायिका आस्था उदिनिया द्वारा 'होली खेलूँ मैं तो साजन के संग’,'अधरों का मौन पर नैना तो बोलेऔर दिल्ली की ही युवा गायिका इशिका मल्होत्रा की प्रस्तुति 'बलमा अनाड़ी बेदर्दी बेईमनवा’,‘आ तो जाऊँगी पर कैसे रूक पाऊँगी, साँझ ढलते पिया मैं चली जाऊँगीने श्रोताओं का मन मोह लिया।

ओडिसी नृत्य गुरु द्वय पंचानन भुयां एवं प्रियम्बदा समान्त्रे के निर्देशन में शिव पार्वती पर रचित गीत अनवरत व्रत पार्वती करे देवादिदेव हिय शिव स्तुतिपर युवा ओडिसी नृत्यांगना शाम्भवी महेश द्वारा प्रस्तुत नृत्य अपनी विशेष भावभंगिमा, जीवन्त कलात्मक सौन्दर्य एवं अद्भुत तारतम्य से सभी   को अचम्भित कर गया।

कार्यक्रम की अन्तिम प्रस्तुति पं विश्व प्रकाश द्वारा गाए गीत तुमने फिर आज मुझको रुला ही दियाथी। भावनात्मक रूप से गीत-संगीत में पूर्णतया रच-बस गए दर्शकों श्रोताओं को इस गीत ने भावुक कर दिया।

इस कार्यक्रम का कुशल संचालन किशोर कौशल द्वारा किया गया वादकों की मंडली में बाँसुरी पर सतीश पाठक, सितार यतीन्द्र वेद, तबला मोहित राज, पखावज प्रफुल्ल माँगराज, ऑक्टोपैड पर धर्मेश तथा हारमोनियम पर  स्वयं पंडित विश्व प्रकाश ने गायन एवं नृत्य में अपने उत्कृष्ट संगीत की शानदार मिसाल पेश की।

संगीत नाटक अकादमीकी उप सचिव डॉ रीता स्वामी चौधरी ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन कोरोना के नियमों के अनुरूप किया गया है।

पंडित विश्व प्रकाश ने कहा कि मैं लन्दन में एक संगीत विद्यालय का संचालन करता हूँ और कई देशों में कार्यक्रम करता रहा हूँ पर भारत मेरे हृदय और संगीत दोनों में ही बसता है।