- कृतार्थ सरदाना
विश्व प्रसिद्द जादूगर सम्राट
शंकर ने, अब अपनी विरासत को एक ‘मैजिक बॉक्स’ में उतारकर, इस प्राचीन कला को लुप्त होने से बचाने
का फैसला किया है। पिछले 45 बरसों से देश-विदेश में करीब 30 हज़ार जादुई शो कर चुके
सम्राट शंकर, इस बात से बेहद चिंतित हैं कि देश की 130 करोड़ जनसंख्या
में आज 13 बड़े जादूगर नहीं हैं। इससे यह भारत की प्राचीन कला अपने ही देश में लुप्त
होने के कगार पर पहुँच गई है। जबकि विश्व में इस कला की बदौलत आज असंख्य लोग बड़े जादूगर
बनकर, खूब शौहरत और दौलत कमा रहे हैं।
इसलिए जादूगर शंकर ने अपने
लंबे अनुभव से एक ऐसे ‘मैजिक बॉक्स’ का
निर्माण किया है, जिसके माध्यम से बच्चे-बड़े सभी जादू सीख कर, खुद जादुई करतब दिखा सकेंगे। उनके इस मैजिक बॉक्स में 15 अद्धभुत जादू खेलों
का समावेश है। ‘मैजिक बॉक्स’ मेँ प्रस्तुत
यंत्र, जादुई पुस्तिका और एक वीडियो लिंक के माध्यम से सुगमता
से जादू सीख कर, जादूगर बना जा सकता है। इस ‘मैजिक बॉक्स’ का मूल्य मात्र 999 रुपए है। साथ ही 31
दिसम्बर तक बच्चों के लिए इस पर 20 प्रतिशत
अतिरिक्त छुट प्रदान की जा रही है।
सम्राट
शंकर कहते हैं- “अब समय आ गया है कि अपनी प्राचीन जादू कला को बच्चों में बांटकर, इसे लुप्त
होने से बचाया जाये। इससे दिन रात मोबाइल-गैजेट्स मेँ आँखें गढ़ाकर अपने शारीरिक और
मानसिक स्वास्थ को नुकसान पहुंचा रहे बच्चे, स्वस्थ मनोरंजन
और कला को अपना सकेंगे। इससे जादू के प्रति लोगों के उस अंधविश्वास को भी दूर करना
है, जिससे यह भ्रम है कि जादू तंत्र-मंत्र का खेल है। मैं अपने
इस ‘मैजिक बॉक्स’
के माध्यम से बताना चाहता हूँ कि जादू एक कला है। जिसे हाथ
की सफाई, नियमित अभ्यास और कुछ यंत्रों की सहायता से प्रस्तुत कर कोई
भी जादूगर बन सकता है।“