दारा सिंह जी के लिए चुनौती था लंका दहन- विंदु दारा सिंह


प्रसिद्द फ़िल्मकार रामानन्द सागर के सन 1987 में बने ‘रामायण’ सीरियल ने इस बार अपने दूरदर्शन के प्रसारण में, पिछली बार से भी ज्यादा दर्शक पाकर विश्व रिकॉर्ड बनायाहै।  इन दिनों इसी ‘रामायण’ सीरियल का प्रसारण स्टार प्लस पर चल रहा है। जिसमें पिछले दिनों ही लंका दहन का दृश्य दिखाया गया, तो उस दौर की पुरानी तकनीक में भी वह सब दिल को छू गया। तब यह सब इतने अच्छे ढंग से कैसे फिल्माया गया ? यह पूछने पर रामानन्द सागर के पुत्र प्रेम सागर बताते हैं-“ हमने इसके लिए विशेष रूप से आर्टिफ़िशियल टेल (पूँछ) बनाने वाले विशेषज्ञ को लिया था। हम चाहते थे कि पूँछ ही आग पकड़े। इसके लिए हनुमान की भूमिका निभा रहे दारा सिंह जी ने बहुत मेहनत की। इस सीन के दौरान दारा जी को सात दिन तक रोजाना 6 घंटे तक भूखा भी रहना पड़ा था। तब हमारे भाई आनंद सागर उस दौर की उपलब्ध तमाम तकनीक से वह सीन शूट करते थे।“ उधर दारा सिंह जी के अभिनेता पुत्र विंदु दारा सिंह बताते हैं –“दारा सिंह जी के लिए अपनी पूँछ से लंका दहन करने का सीन काफी चुनौती भरा था। लेकिन वह हमेशा अपने काम में शत प्रतिशत देने के लिए हर वक्त तत्पर रहते थे। हालांकि सिर्फ लंगोट पहनकर नंगे बदन शूटिंग करना बहुत ही जोखिम भरा था। ऊपर से अपनी पूँछ में आग लगवाने के बाद इधर से उधर भागना कई खतरों को निमंत्रण देने जैसा था। लेकिन सागर साहब ने सभी सावधानियाँ बरतते हुए दारा सिंह जी से यह सीन इतने अच्छे ढंग से फिल्माया कि वह सीन ‘रामायण’ के टॉप 10 सीन में आता है।“